गर्व

हमने देखें है आपकी आंखों में
भविष्य के सुंदर सपनें
आओ मिलकर बनायेंगे
इन सपनों को हम अपने ।।

आजादी का सही मतलब
आपको आज हम समझायेंगे
ना कोई भूखा, प्यासा ना कोई
देश को जन्नत हम बनायेंगे ।।

घर घर में हो पढाई
नई पिढी बने स्वावलंबी
हिंदू मुस्लिम या ईसाई
कोई ना रहें परावलंबी ।।

चलती रहे अपनी परंपराये
संस्कारों से परिवार सुखी
बनी रहे मित्रता और शांति
ना रहे कटुता, रहे ना कोई दुःखी ।।

इन्सानियत की हो मिसालें
बहनों को मिले भाई का प्यार
बुढ्ढों को मिले यहां सहारा
लोगों को मिले सुखी संसार ।।

जितना मिला है हमें यहां से
हम लौटाये इससे दुगना
गर्व होगा हमें जिंदगी से
यहां से हमे जब होगा जाना ।।

अतुल दिवाकर

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